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Namami Gange Yojana क्या है? और कैसे शुरुआत हुई?

Namami Gange Yojana 2024: नमामि गंगे योजना (Namami Gange Yojana) भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए शुरू की गई एक बेहद ही कल्याणकारी योजना है, जिसकी शुरुआत भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने की है। नरेंद्र मोदी जी ने गंगा के तट पर स्थित वाराणसी से संसद के लिए मई 2014 में निर्वाचित होने के बाद इसकी शुरुआत की थी और उन्होंने कहा था कि मां गंगा की सेवा करना उनके भाग्य में है। 

नमामि गंगे कार्यक्रम, एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे जून 2014 में 20 हजार करोड़ रुपये के बजट ​खर्च के साथ केंद्र सरकार द्वारा प्रमुख कार्यक्रम के रूप में स्वीकृत किया गया था। 2014 में शुरू किए गए नमामि गंगे कार्यक्रम को 2021 तक की अवधि के लिए शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य 20,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों का कायाकल्प करना था। 

मगर इस योजना की आवश्यकता और प्रसार को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने आगे 22 हजार 500 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ नमामि गंगे मिशन-II को मंजूरी दे दी, जोकि साल 2026 तक के लिए है। इसमें मौजूदा देनदारियों (11,225 करोड़ रुपये) के साथ ही साथ नई परियोजनाएं/हस्तक्षेप (11,275 करोड़ रुपये) शामिल हैं। ऐसे में आइए इस लेख के जरिए नमामि गंगे (Namami Gange in Hindi) योजना के बारे में और अधिक बाते जानते हैं। 

Table of Contents

नमामि गंगे योजना की संक्षिप्त जानकारी – Brief information of Namami Gange Yojana Overview 

लेख का नामNamami Gange Yojana 2024
योजना का नामनमामि गंगे योजना 
योजना की शुरुआत कब हुईसाल 2014 में
योजना की शुरुआत किसने कीभारत सरकार ने
उद्देश्यराष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ बनाना
विभागजल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग – भारत सरकार
शुरुआती बजट20,000 करोड़ रुपये 
आधिकारिक वेबसाइटhttps://nmcg.nic.in/
हेल्पलाइन नंबर+91-011-23072900-901

नमामि गंगे योजना क्या है? – What is the Namami Gange Yojana?

MP Bhulekh Rcms कि तरफ से Namami Gange Yojana की सम्पूर्ण जानकारी बता दें कि नमामि गंगे योजना भारत की सबसे पवित्र नदियों में शीर्ष पर आने वाली राष्ट्रीय नदी गंगा की सफाई और पुनर्जीवन के उद्देश्य से चलाई जा रही एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत के 18वें प्रधानमंत्री के रूप से शपत लेने के बाद की थी। इसकी शुरुआत भारत की राष्ट्रीय नदी कहे जाने वाली गंगा की दिन-प्रतिदिन हो रही दुर्दशा को कम करने के लिए की गई है। यह बात सभी जानते हैं कि गंगा नदी, जिसे लोग गंगा मां भी कहते हैं उसका न केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि यह देश की 40% आबादी के लिए जीवन का स्रोत है। 

इस समय डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से करीब 50 करोड़ से भी अधिक लोग गंगा नदी बेसिन पर निर्भर हैं, जोकि चीन, नेपाल, भारत और बांग्लादेश तक फैली हुई है। गंगा नदी कई कारकों की वजह से प्रदूषित होते चले आ रही है। गंगा को प्रदूषित करने में सबसे बड़ा योगदान नदी में डाला गया अनुपचारित मलजल, औद्योगिक अपशिष्ट, कृषि अपवाह, अंतिम संस्कार की चिताओं से आंशिक रूप से जले हुए या बिना जले हुए शवों के अवशेष और पशुओं के शव आदि का है।

यही वजह से कि आज भारत की सबसे पवित्र नदी माने जाने वाली गंगा से लोग दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वह खुद को सुरक्षित रख सकें। हालांकि अब नमामि गंगे योजना के तहत सीवेज उपचार, रिवरफ्रंट विकास, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने जैसी विभिन्न गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और सरकार की यह योजना काफी हद तक सफल भी हुई है। नमामि गंगे योजना की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में हमने आगे बताया है। 

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नमामि गंगे योजना की शुरुआत कैसे हुई? - How did the Namami Gange scheme start?
नमामि गंगे योजना की शुरुआत कैसे हुई? – How did the Namami Gange scheme start?

नमामि गंगे योजना की शुरुआत कैसे हुई? – How did the Namami Gange scheme start?

दरअसल, नमामि गंगे योजना की शुरुआत भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भारत के 18वें प्रधानमंत्री के रूप से शपत लेने के बाद हुई। नमामि गंगे कार्यक्रम की घोषणा गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार यानी पुनः प्रवर्तन के लिए 10 जुलाई 2014 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा की गई थी। 

साल 2014 में नमामि गंगे योजना को 20,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों का कायाकल्प करने के लिए शुरू किया गया था। मगर अब इस योजना की आवश्यकता और प्रसार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगे मिशन-II को 22 हजार 500 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साल 2026 तक के लिए मंजूरी दे दी गई है। 

मालूम हो कि नमामि गंगे योजना के तहत कोई राज्यवार आवंटन नहीं है। हालांकि, 2014-15 से 31 जनवरी 2023 तक राज्यवार संकलित परियोजनाओं को  अमल में लाने के लिए एनएमसीजी द्वारा विभिन्न एजेंसियों को राशि जारी की गई थी, जिसका डाटा कुछ इस प्रकार है। 

राज्यराशि (करोड़ रुपये में)
उत्तराखंड1,149.01
उत्तर प्रदेश4,347.24
बिहार3,526.43
झारखंड250.05
पश्चिम बंगाल1,369.12
मध्य प्रदेश9.89
दिल्ली1,253.86
हरयाणा89.61
राजस्थान71.25
हिमाचल प्रदेश3.75

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नमामि गंगे योजना को शुरू करने का उद्देश्य – Objective of starting Namami Gange Yojana

भारत सरकार ने नमामि गंगे योजना की शुरुआत भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण में प्रभावी कमी, संरक्षण और कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया है। इस योजना को शुरू करने के पीछे केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी की पारिस्थितिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है। इस योजना को शुरू करने के कुछ उद्देश्य इस प्रकार हैं। 

  1. इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के प्रदूषण को कम करना और उसे पुनर्जीवित करना है। 
  2. नमामि गंगे योजना का उद्देश्य गंगा नदी का संरक्षण सुनिश्चित करना है।
  3. इस योजना के जरिए सरकार गंगा नदी के प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाना चाहती है, ताकि लोगों जल प्रदूषण से जुड़े नकारात्मक प्रभावों के बारे में पता चल सके। 
  4. इसका एक उद्देश्य नदी के किनारे वनरोपण और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने है। 
  5. साथ ही इसका उद्देश्य सतही प्रवाह और भूजल को बढ़ाना तथा उसे बनाए रखना है।
  6. इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापक सीवेज उपचार और सीवेज बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है, ताकि गंगा नदी के किनारे स्थित कस्बों और शहरों से आने वाले दूषित जल को रोककर जल प्रदूषण को कम किया जा सके। 
  7. यही नहीं बल्कि इसकी शुरुआत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने और कचरे को नदी में जाने से रोकने के लिए की गई है। 

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नमामि गंगे योजना के प्रमुख स्तंभ – Main pillars of Namami Gange Yojana 

नमामि गंगे योजना के प्रमुख स्तंभ - Main pillars of Namami Gange Yojana 
नमामि गंगे योजना के प्रमुख स्तंभ – Main pillars of Namami Gange Yojana 

गंगा नदी को साफ करने के उद्देश्य से शुरू किए गए नमामि गंगे कार्यक्रम के प्रमुख स्तंभ कुछ इस प्रकार हैं। 

  1. सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर 
  2. जैव विविधता 
  3. औद्योगिक अपशिष्ट निगरानी 
  4. वनीकरण 
  5. जन जागरूकता 
  6. रिवरफ्रंट डेवलपमेंट 
  7. नदी-सतह की सफाई 
  8. गंगा ग्राम की स्थापना। 

नमामि गंगे योजना की विशेषताएं – Features of Namami Gange Yojana 

  1. यह योजना केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जोकि पुरे भारत के लिए बनाई गई है और इसका लाभ पुरे भारत को होगा। 
  2. इसके जरिए जैव विविधता संरक्षण और नदी के किनारे वनरोपण किया जा रहा है। 
  3. इसके जरिए भारत सरकार सीवेज उपचार और सीवेज बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है, ताकि गंगा को दूषित होने से बचाया जा सके तथा लोगों को पर्याप्त पानी मिल सके। 
  4. इसका क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा किया जा रहा है। 
  5. इसके तहत तहत, कुशल सिंचाई विधियों और तर्कसंगत कृषि पद्धतियों का विकास किया जा रहा है। 
  6. यह योजना भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के तहत आती है। 

नमामि गंगे योजना का कार्यान्वयन – Implementation of Namami Gange Yojana 

नमामि गंगे योजना को भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव के साथ-साथ दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए 3 चरणों में लागू करने के लिए डिजाइन किया है। 

  1. तत्काल प्रभाव के लिए शुरुआती स्तर की गतिविधियां।
  2. पांच वर्ष की समय-सीमा के भीतर लागू होने वाली मध्यम अवधि की गतिविधियां। 
  3. 10 सालों के लिए योजनाबद्ध तरीके से चलाने के लिए दीर्घकालिक गतिविधियां। 

नमामि गंगे योजना का महत्व – Importance of Namami Gange Yojana 

नमामि गंगे योजना का महत्व क्या है और कितना है इस बात का अंदाजा सिर्फ और सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि गंगा नदी देश की 40% आबादी के लिए जीवन का स्रोत है। ऐसे में अगर गंगा नदी को साफ नहीं रखा गया और पहले से प्रदूषित पानी को साफ नहीं किया गया तो यह बहुत बड़े खतरे को न्योता दे सकती है।

सरल शब्दों में इस योजना का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि “जल ही जीवन है” और जल के बिना किसी तरह के कल की कल्पना नहीं की जा सकती। 

नमामि गंगे योजना की प्रमुख उपलब्धियां – Major achievements of the Namami Gange Yojana 

  • सीवरेज उपचार क्षमता का निर्माण – भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए नमामि गंगे योजना के तहत अब तक 1 विकेन्द्रीकृत मॉड्यूलर परियोजना के साथ 200 सीवरेज अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है, जिसकी कुल लागत 31,810 करोड़ रुपये है। इन तमाम परियोजनाओं में से 116 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं और शेष परियोजनाएं कार्यान्वयन के अलग-अलग चरणों के लिए है।
  • नदी तट विकास – इसके जरिए 286 घाटों/श्मशानों के निर्माण करने के साथ ही साथ कुंडों/तालाबों के निर्माण की परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है। नमामि गंगे योजना के तहत आधुनिकीकरण और नवीनीकरण के लिए 84 घाटों/श्मशानों की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।
  • नदी सतह की सफाई – इस योजना के माध्यम से गंगा नदी के घाटों पर सफाई का काम शुरू किया गया है तथा नदी की सतह पर तैर रहे ठोस कचरे को इकट्ठा कर उसके निपटान का काम शुरू किया गया है। इसके माध्यम से अब तक 11 स्थानों पर इसकी शुरुआत की जा चुकी है।
  • जैव विविधता संरक्षण – नमामि गंगे योजना के जरिए सरकार कई सारी जैव-विविधता संरक्षण परियोजनाएं चला रही है। इनमें मछली एवं मत्स्य संरक्षण, गंगा नदी डॉल्फिन संरक्षण आदि विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। 
  • वनीकरण – इस योजना के तहत गंगा नदी के किनारे के राज्यों में 1,34,106 हेक्टेयर क्षेत्र में वनीकरण के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। यह रिपोर्ट वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), देहरादून ने तैयार की है, जोकि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के राज्यों के लिए है। 
  • जन जागरूकता – भारत सरकार इस योजना के जरिए गंगा नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जन जागरूकता वाले कई अभियान चलाते आ रही है। नमामि गंगे कार्यक्रम के लिए शुभंकर लोकप्रिय हास्य पुस्तक चरित्र चाचा चौधरी को बनाया गया है। 
  • औद्योगिक अपशिष्ट निगरानी – नमामि गंगे योजना के जरिए 1072 जीपीआई यानी घोर प्रदूषण करने वाले उद्योगों में से 885 में सीपीसीबी सर्वर से ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी स्टेशन (ओसीईएमएस) कनेक्टिविटी स्थापित कर दी गई है।
  • गंगा ग्राम – इसके जरिए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (MoDWS) को  578 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह पैसे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल की 1674 ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के लिए जारी किए गए हैं और अब तक इसके तहत लक्षित 15,27,105 इकाइयों में से 8,53,397 का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

नमामि गंगे योजना को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – Frequently asked questions about Namami Gange Yojana 

प्रश्न1: नमामि गंगे योजना की शुरुआत किसने और कब की? 

उत्तर: नमामि गंगे योजना की शुरुआत 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने की थी। 

प्रश्न2: नमामि गंगे योजना का संचालन किस विभाग द्वारा किया जा रहा है? 

उत्तर: इस योजना का संचालन भारत सरकार के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा किया जा रहा है। 

प्रश्न3: इसकी आधिकारिक वेबसाइट क्या है? 

उत्तर: नमामि गंगे योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://nmcg.nic.in/ है, जिसके जरिए आप इस योजना से जुड़ी तत्कालीन जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

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